शिक्षा, नाम ही काफी लगता है। शिक्षा ही सब कुछ बन गया है। शिक्षा के बिना लगभग कुछ भी संतुलित नहीं है और नाही कुछ भी किया जा सकता है।
ये मनुष्य के जीने,कमाने,रहने,और खाने का रास्ता प्रदान करता है। आज के इस भयानक युग में शिक्षित होना बहुत ही जरूरी है वरना रहना इतना मुश्किल हो जाएगा कि जान देने के अलावा कुछ भी संभव नहीं दिखेगा। तो अब ये स्पष्ट रूप से कहा जा सकता कि पढ़ो और इस भयानक युग में आगे बढ़ो। शिक्षा को इतना ऊंचा स्तर दो की इसके सामने सब छोटे दिखे। शिक्षा ही इस कलयुग को सही मार्ग से सकता है। शिक्षा को ऐसे अपनाओ जैसे ये तुम्हारे माता पिता हो। इसे जैसे ही अपना मूल्य दो जैसे तुम अपने सबसे प्यारी चीज़ को देते हो। अगर ये अच्छे से चलेगी तो तुम अच्छे से चलोगे। शिक्षा को ऐसे ग्रहण करो जैसे कि तुम्हारे अंदर नैतिकता भी उतना ही उत्पन हो कि जितना तुमने शिक्षा अपने अंदर उत्पन किया। क्योंकि बिना नैतिकता के शिक्षा का कोई मोल नहीं है तुम्हे कोई शिक्षित नहीं कहेगा। तुम व्यर्थ के मानव जीव माने जाओगे।
परंतु आज के इस कलयुग में शिक्षा का उपयोग के साथ साथ दुरुपयोग भी हो रहा है। अब शिक्षा का दुरुपयोग करके भी मनुष्य खुश रहने लगा है परन्तु ये खुशी ज्यादा समय तक नहीं टिकेगी। ये जल्द ही गायब होकर मनुष्य को अंधेरे दुनिया में धकेल देगी। तब मनुष्य कहीं का नहीं बचेगा। तो आइए बारी बारी से इसका उपयोग और दुरुपयोग दोनों जान लेते है।
ये मनुष्य के जीने,कमाने,रहने,और खाने का रास्ता प्रदान करता है। आज के इस भयानक युग में शिक्षित होना बहुत ही जरूरी है वरना रहना इतना मुश्किल हो जाएगा कि जान देने के अलावा कुछ भी संभव नहीं दिखेगा। तो अब ये स्पष्ट रूप से कहा जा सकता कि पढ़ो और इस भयानक युग में आगे बढ़ो। शिक्षा को इतना ऊंचा स्तर दो की इसके सामने सब छोटे दिखे। शिक्षा ही इस कलयुग को सही मार्ग से सकता है। शिक्षा को ऐसे अपनाओ जैसे ये तुम्हारे माता पिता हो। इसे जैसे ही अपना मूल्य दो जैसे तुम अपने सबसे प्यारी चीज़ को देते हो। अगर ये अच्छे से चलेगी तो तुम अच्छे से चलोगे। शिक्षा को ऐसे ग्रहण करो जैसे कि तुम्हारे अंदर नैतिकता भी उतना ही उत्पन हो कि जितना तुमने शिक्षा अपने अंदर उत्पन किया। क्योंकि बिना नैतिकता के शिक्षा का कोई मोल नहीं है तुम्हे कोई शिक्षित नहीं कहेगा। तुम व्यर्थ के मानव जीव माने जाओगे।
परंतु आज के इस कलयुग में शिक्षा का उपयोग के साथ साथ दुरुपयोग भी हो रहा है। अब शिक्षा का दुरुपयोग करके भी मनुष्य खुश रहने लगा है परन्तु ये खुशी ज्यादा समय तक नहीं टिकेगी। ये जल्द ही गायब होकर मनुष्य को अंधेरे दुनिया में धकेल देगी। तब मनुष्य कहीं का नहीं बचेगा। तो आइए बारी बारी से इसका उपयोग और दुरुपयोग दोनों जान लेते है।
उपयोग:-
आज के इस युग में बहुत कम उपयोग बचा है शिक्षा की, पर कुछ ऐसे भी है तो कि मनुष्य जीव को अभी तक जीवित रखा है। इस संसार का भार रोका हुआ है।
1- आज ये संसार इतना आगे की ओर बढ़ चुका है शिक्षा के उपयोग से।
2- नए नए अविष्कार हुए है शिक्षा के उपयोग से।
3- मनुष्य की हर काम करना बहुत ही आसान हो चुका है शिक्षा के उपयोग से।
4- महापुरषों ने शिक्षा का उपयोग करके अपने नामो को अमर कर लिए है और वे आज भी हमारे हृदय में जीवित है।
5- आज भी कुछ ऐसे बेटे बेटियां है जो शिक्षा से नैतिकता सीख कर अपने माता पिता का सम्मान करते है।
6- इस दुनिया को आधुनिक बनाने में शिक्षा ही मदद करता है।
7- कुछ लोग बुरे वक्त में एक दूसरे का मदद कर रहे है।
दुरुपयोग:-
1- आजकल 90 प्रतिशत आतंकवादी शिक्षित रहते है परन्तु तो भी ये मनुष्य को हानि से रहा है।
2- शिक्षा को बिजनेस का रूप दे दिया गया है।
3- शिक्षा कम दिया जा रहा है और पैसा ज्यादा वसूला जा रहा है।
4- अपने माता पिता का कोई आदर नहीं है। दूसरों का तो छोड़ ही दिया जाय।
5- आपस में ही मनुष्य लड़ झगर रहे है।
6- कोई भी अच्छा नहीं सोच रहा है।
7- कोई भी किसी का मदद नहीं करना चाहता है।
8- एक दूसरे को नीचे गिराने में सारी दुनिया जुटी हुई है।
9- एक दूसरे के आगे का थाली छीनने में लगा है।