लोगो का संख्या , कितने लोगो ने इस धरती को अपना भार अनुभव कराया , जनसंख्या कहलाता हैं। ये आजकल बड़ी तेज़ी से बढ़ रही है। कोई नियंत्रण नहीं है इस पर, और नाही कोई इस पर विचार कर रहा है। इसे कोई समझ ही नहीं रहा है कि ये एक प्रकार का महामारी सिद्घ हो सकता हैं। इसका जिम्मेदार और कोई नहीं बल्कि औरत और मर्द की बेवकूफी है। ये हमारे बीच माता पिता, चाचा चाची, दादा दादी, इत्यादि जो पढ़ लिखकर या बिना पढ़ लिखकर भी बेवकूफ है।
इन्हें किसी का भी चिंता बाद में नहीं हो पाती और नाही हमारे अच्छे भविष्य का और नाही इस प्राकृति के संतुलन का। कुछ मा बाप ऐसे होते है कि दस बच्चे पैदा कर दो और परवरिश करने की औकात ही नहीं है। अपने तो डूबते ही है और अपने उस निर्दोष बच्चे का गला घोट देते है। वे उन्हें बेघर कर देते है। गरीब जिसे खुद का पेट नहीं पाला जाता और दस को जन्म से दिया है। एक बच्चा पैदा करो और उसका अच्छे से देख भाल करो। ये ना, एक बेरोजगारी का मुख्य कारण भी है।
बेरोजगार क्यों बढ़ रहा, क्योंकि काम से ज्यादा मनुष्यो का संख्या है, और प्रतिदिन बढ़ रहा है। इसपर कोई नियंत्रण नहीं पाना चाहता। सरकार दस साल से सोच रहा पर मुंह पर हाथ रखे बैठा है और कोई कदम नहीं ले रहा। किसी वस्तु का ज्यादा होना भी बहुत बड़ी परेशानी खड़ा कर सकता है।
आइए इसके बहुत नुकसान जो हमारे आंखो के सामने है। देखा जाय:-
1- साधनों की कमी हो रही क्योंकि मनुष्य ज्यादा हो गया है।
2- बेरोजगार का मुख्य कारण है।
3- पीने योग्य जल धीरे धीरे कम हो रहे है।
4- भूखे मर रहे है बेरोजगार वाले।
5- प्राकृति को नष्ट कर रहा है ये जनसंख्या।
6- पशु पक्षी के जान जाने का मुख्य कारण जनसंख्या ही है क्योंकि उन्हें खाने हेतु इस्तेमाल किया जा रहा है।
7- बढ़ती गर्मी, ओजोन का दिप्लेशन, शुद्घ हवा की कमी, प्रदूषण का बढ़ता स्तर इत्यादि इसी बढ़ती जनसंख्या का देन है।
निष्कर्ष:- ' हम दो हमारे दो ' वाले नारा लगाओ और इसे अपनाकर इस प्राकृति को बचाने और हरा भरा बनाने में मदद करें।
बेरोजगार क्यों बढ़ रहा, क्योंकि काम से ज्यादा मनुष्यो का संख्या है, और प्रतिदिन बढ़ रहा है। इसपर कोई नियंत्रण नहीं पाना चाहता। सरकार दस साल से सोच रहा पर मुंह पर हाथ रखे बैठा है और कोई कदम नहीं ले रहा। किसी वस्तु का ज्यादा होना भी बहुत बड़ी परेशानी खड़ा कर सकता है।
आइए इसके बहुत नुकसान जो हमारे आंखो के सामने है। देखा जाय:-
1- साधनों की कमी हो रही क्योंकि मनुष्य ज्यादा हो गया है।
2- बेरोजगार का मुख्य कारण है।
3- पीने योग्य जल धीरे धीरे कम हो रहे है।
4- भूखे मर रहे है बेरोजगार वाले।
5- प्राकृति को नष्ट कर रहा है ये जनसंख्या।
6- पशु पक्षी के जान जाने का मुख्य कारण जनसंख्या ही है क्योंकि उन्हें खाने हेतु इस्तेमाल किया जा रहा है।
7- बढ़ती गर्मी, ओजोन का दिप्लेशन, शुद्घ हवा की कमी, प्रदूषण का बढ़ता स्तर इत्यादि इसी बढ़ती जनसंख्या का देन है।
निष्कर्ष:- ' हम दो हमारे दो ' वाले नारा लगाओ और इसे अपनाकर इस प्राकृति को बचाने और हरा भरा बनाने में मदद करें।